आँगन में दो दोस्त कुछ बुदबुदा रहे थे , पास जाकर देखा तो नीम और शीशम कुछ बतला रहे थे । मैं (बया़ पक्षी ) चुपके से उनकी छाँव में जा बैठी , आँख धरा पर व कान उनकी वार्ता पर लगा सुन रही थी । कर रहे थे वो अपने बचपन की बातें , […]
आज फिर बसंत के चटक फूल खिले है , हर रूप हर रंग में बहार रंगे है | कोमल सी पंखुड़ी भी मुस्कुरा रही है ,वहीं पेड़ की कोमल शाखा हरे रंग से नहा रही है | वहीं प्यार से कोयल भी गुनगुना रही है ,हवा संग जीवन के गीत गा रही है | कितना […]
विधा के मंदिर का वो रास्ता याद आता है , विद्यार्थियों से घिरा वो विधा का आलय याद आता है ।सुबह की प्यारी नींद से जगाने पर माँ पर ग़ुस्सा करना याद आता है फिर जल्दी से तैयार हो पिताजी के साथ स्कूटर पर बैठ स्कूल जाना याद आता है ।सुबह की प्रार्थना कर राष्ट्रगान […]